वर्तमान समाज में हो रही घटनाएं ये बता रही हैं कि मानव हृदय कितना अमानवीय होता जा रहा। …
और इस समाज में स्वतंत्र हो कर चलना कितना कठिन है। .............
और इसका पूर्ण जिम्मेदार स्वयं मनुष्य ही है। मानवीय मूल्यों को किस प्रकार बचाया जा सकता है ?
इसके बारे में आपकी राय वांच्छानीय है
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